bhairav kavach - An Overview

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भीषणो भैरवः पातु उत्तरस्यां तु सर्वदा



 

सरकारी कामो में सफलता प्राप्त होती है।

साधक कुबेर के जीवन की तरह जीता है और हर जगह विजयी होता है। साधक चिंताओं, दुर्घटनाओं और बीमारियों से मुक्त जीवन जीता है।



ऊर्ध्वं पातु विधाता च पाताले नन्दको विभुः ।

मियन्ते साधका येन विना श्मशानभूमिषु।



॥ इति रुद्रयामले महातन्त्रे महाकालभैरवकवचं सम्पूर्णम्॥

more info उन्मत्तभैरवः पातु हृदयं मम सर्वदा ॥ १७॥

इसका जप कवच से पहले और बाद में ११ या २१ बार करें ॥

महाकालोऽवतु च्छत्रं सैन्यं वै कालभैरवः

शङ्खवर्णद्वयो ब्रह्मा बटुकश्चन्द्रशेखरः ॥ ५॥

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